साहित्य-कला साइन्स इन्फोटेक December 20, 2017 0 Comments अमृत कुमार श्रेष्ठ, तिम्राे माया, माया, मुक्तक मुक्तक उर्ली अाउने खहरे भेल हो कि तिम्रो माया। बगी जाने खाेेली हो कि बाँचुन्जेल हाे तिम्राे माया ॥ चाेखाे माया Read More