नुर
वही नुर मेरे लिए तडपति हे साम सबेरा,
बिछडने से तरसती हे ढुंढती हे साथ मेरा,
दर्द भरी मन हे उस्का लेती हे वो सासें मेरा,
चलते जिबन चाहत उसका बैठें साथ साथ मेरा,
जो ख्वाबो वो देखि आजतक पिक्चर देखि सभी मेरा,
मेरे लिए सभी वो दे दी बोली सबकुछ ले लो मेरा,
नुर वही हे जो बिन मागे लौटादी वो खुसीयां मेरा,
जिने का मन बनादी उसने बोली सबकुछ मैं हुं तेरा,
साथ मे जो हे मेरी वो नुर ही लगति हे बहुत ही प्यारा,
सबकुछ अपनि उसि के लिए ये दिल भि हे नुर तेरा,
जब जो चाहे ले ही जाओ हम से जो हे सभी तेरा,
जिने का इक तमन्ना तुं हे मरते दम तक नुर मेरा,
*धातामणि पोखरेल साहित्यकार हुन् ।